HELPING THE OTHERS REALIZE THE ADVANTAGES OF HINDI KAHANI

Helping The others Realize The Advantages Of hindi kahani

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hindi kahani

अपने होठ चाट रहा था. उसके भोजन की घड़ियाँ बीत रही थी, कुछ ही देर में कोई पशु नही आया तो वह शिकार को चल पड़ेगा.

उसके प्रत्युतर में भासुरक ने कहा- तेरी बात ठीक हैं, किन्तु मै उस दुर्ग में बैठे सिंह को मार डालूगा. शत्रु को जितना जल्दी हो सके नष्ट कर देना चाहिए.

अचानक मनीषा का एक हाथ छुट गया और पानी के साथ बहने लगा. शीला घबराई उसने तुरंत अपना बस्ता अपने साथी को थमाया और तेजी से तैरने लगी.

दूसरी तरफ दानवों ने शर्त का पालन किया, लड्डू उछालते रहे, उन्हें पाने के लिए लपकते रहे, न खुद खाए न दूसरों को खाने दिए. लड्डू तो बिगड़े ही, पेट भी न भरा.

अपने वतन की मर्यादा रखने के लिए उनके उस ज्ञान मन्त्र को खरीदने की तम्मना जताई.

तभी उनकी नजर एक व्यक्ति पर गईं. देखने से पंडित लगने वाला व्यक्ति भारतीय लगता था.

यहकहकर खरगोश भासुरक को उसी कुए के पास ले गया, जहाँ झुककर उसने अपनी परछाई देखि.

उसकी बात सुनकर राधे गुप्त का चेहरा प्रसन्नता से खिल उठा.

खुद को स्वीकार करना ही खुशी का पहला कदम है। जो कुछ भी आपके पास नहीं है, उसके लिए दुखी होने के बजाय, आपके पास जो है, उसे स्वीकार करें।

राजा ने मंत्री को अपना आधा राज्य भी दे दिया. इसके बाद भी राजा ने उसे बहुत सारी चल अचल सम्पति दी.

उसने सोचा यह कुरज हमेशा बिगाड़ करती हैं,इसे पकड़ना चाहिए

तभी अचानक एक की नजर एक छिक्के पर गईं, और उस पड़े छिक्के को उठा लिया.

वहां खाने के लिए कुछ भुने चने भी दिए. श्रीकृष्ण लकड़ी काटते रहे और सुदामा पोटली खोलकर चने चबाते रहे. जब श्रीकृष्ण लकड़ी काटकर आए तब तक सारे चने समाप्त हो चुके थे.

भले ही इसके लिए चोरी का रास्ता क्यों न चुनना पड़े. लेकिन सभी को एक शर्त का पालन करना होगा, शर्त यह है कि किसी भी शिष्य को चोरी करते हुए कोई देख न सके.

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